शुक्रवार 4 नवंबर 2022 - 06:27
उलेमा परिषद् तो एक बहाना है, असली निशाने पर शिया "उलमा हक" हैं

हौज़ा / भारत में सक्रिय उलेमा विरोधी तत्वों और लंबे समय से शिया धर्म के दुश्मन ने अपने लक्ष्यों की महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए शिया उलेमा परिषद् को निशाना बनाने के लिए जो किया है वह निंदनीय है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार भारत के जाने-माने धार्मिक और सामाजिक शख्सियत हुज्जतुल इस्लाम तकी अब्बास रिजवी ने कहा कि भारत में सक्रिय उलेमा विरोधी तत्वों और लंबे समय से शिया धर्म के दुश्मनों ने शिया उलेमा परिषद् को निशाना बनाने का फैसला किया है। अपने लक्ष्यों को महत्वपूर्ण रूप से प्राप्त करने के लिए जो किया गया है वह निंदनीय है।

उन्होंने कहा कि शत्रुओं के उन षडयंत्रों से सावधान रहने की आवश्यकता है जोकि हमारे खेमे में मतभेद भड़काकर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं। वो देश मे शियो के मुकाबले अखबारीयत और मलंगीयत को बढ़ावा देकर शियत का चेहरा ही नही बल्कि देश की गंगा जामना संस्कृती की  एकता और सुंदरता को बिगाड़ना चाहते है।

उन्होंने आगे कहा कि नई पीढ़ी को अध्यात्म की ओर झुकाना धार्मिक मूल्यों से दूर रखना और विद्वानों एंवम मरजियत की व्यवस्था का अनादर करना, विद्वानों और मराज ए तकलिद के सम्मान को उनकी नजर में कम करना आज के शिया विरोधी तत्वो और दुशमनो के महत्वपूर्ण उद्देश्यो का एक हिस्सा हैं, और जिसके शिकार हमारे रैंक के निर्दोष लोग हैं जिनका इस्तेमाल दुश्मन द्वारा जाने या अनजाने में किया जा रहा है।

अंत में उन्होंने कहा कि अन्यायपूर्ण तरीके से विद्वानों के पैरों को कलंकित करना न केवल एक निंदनीय कृत्य है, बल्कि दुश्मनों के खिलाफ जागना और एकता और सहमति के झंडे के नीचे सहमत होने का संदेश भी है कि हमें साथ चलना चाहिए।

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